अमरोहा: सैद नगली में अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया इमाम हुसैन का चेहल्लुम।

 अमरोहा:  सैद नगली में अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया इमाम हुसैन का चेहल्लुम। 




Hussaini72News/AZADARI/SAID NAGLI

September 7,2023


सैद नगली:  अमरोहा के सैद नगली में चेहल्लुम के मौके पर जुलूस निकाला गया। जिसमें बड़ी तादाद में लोग शरीक हुए। मोहर्रम के 40 दिनों बाद हजरत इमाम हुसैन समेत 72 शहीदों का चेहल्लुम मनाकर शिया समुदाय के लोगों ने श्रद्वांजली दी। कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार और अन्य साथियों की कुर्बानी को याद करने के लिए शिया मुस्लिम मोहर्रम के चालीस दिनों बाद चेहल्लुम मनाकर 72 शहीदों को खिराजे अकीदत पेश करते हैं। इसी क्रम में गुरुवार को शिया समुदाय के लोगों ने अजाखाना मीर मुजाहिदीन हुसैन में एक मजलिस का आयोजन कर मातमी जुलूस निकाला।  जुलूस तयशुदा कार्यक्रम व रास्तों से होकर निकाला गया। जुलूस अजाखाना मीर मुजाहिदीन हुसैन से शुरू होकर अजाखाना अलमदार हुसैन  व दक्खनी इमामबाड़ा होते हुए हुसैनी चौक पहुंचा। हुसैनी चौक में डा अहमद मुर्तजा़ ने मोमीनीन को खिताब किया। उन्होंने फ़रमाया की कर्बला की लड़ाई इमाम हुसैन अ स ने बादशाहत व सत्ता पाने के लिए नही लड़ी थी। ये कोई लड़ाई या जंग नहीं था बल्कि ये इमाम हुसैन अ स की इंसानियत को बचाने के लिए एक अज़ीम कुर्बानी थी। इमाम हुसैन ने इंसानियत बचाने के लिए अपने पूरे परिवार को अल्लाह‌ की राह में कुर्बान कर दिया।मजलिस के बाद हुसैनी चौक पर अकीदतमंदों ने आग का मातम किया।

 इसके बाद जुलूस पीरजी वाले इमामबाड़े पर पहुंचा जहां अजादारो ने खंजर का मातम किया। जुलूस में नौहे रियाजुल हसन, ऐजाज मुर्तजा,डा लईक हैदर, डा नसीम-उज़-जफर, मिसाल अब्बास, मौहम्मद अब्बास, सलमान अब्बास, अयान अब्बास, नवाबुल हसन आदि ने पढ़े।
आखिर में जुलूस मौला अली अ स चौक से होता हुआ कर्बला पर खत्म हुआ। कर्बला में ताजियों को दफन किया गया और वहां डा अहमद मुर्तजा़ ने मजलिस को खिताब किया।
जुलूस में कई चौक चौराहों पर कर्बला के 72 शहीदों की शहादत को ब्यान किया गया। जुलूस में छोटे-छोटे बच्चों ने भी इमाम हुसैन को खिराजे अकीदत पेश करने के लिए ज़ंजीर का मातम किया।
 इंसानियत को बचाने के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ कर्बला में कुर्बानी देकर शहादत कबूल की थी लेकिन यजीदी फौज के आगे अपना सिर नहीं झुकाया।
इमाम हुसैन अ स की कर्बला मे शहादत पूरी दुनिया व इंसानियत को पैगाम देती है कि ज़ालिम चाहे कितना भी ताकतवर हो उसके आगे मत झुको बल्कि उसका डटकर मुकाबला करो।
आज इमाम हुसैन अ स से पूरी दुनिया के देशों के बहुत बड़े से बड़े लीडरों व विद्वानो ने दरस लिया है और अपने अपने देशों को कामयाबी की राह दिखाई है।
जुलूस मे डा केसर बाकरी, कुमैल असगर, डा सैयद मौहम्मद जाफर, मैनेजर जर्रार मेहंदी, मजहर अहसन, नज्मे हैदर, जैगम मुर्तजा, हामिद हुसैन, शुएब रज़ा, मौलाना शादाब रजा़, एडवोकेट इमरान मुर्तजा, डा शुएब, हुसैन मेहंदी,अरशद रज़ा, खुल्के मौहम्मद, शहनवाज हैदर, कमाल हैदर, जैगम अब्बास, मोहम्मद इमरान, हसन मेंहदी, आज़मी अब्बास, अनवारूल हसन, मुशाहिद हुसैन, कल्बे अब्बास, नसीमुल हसन,डा समर रज़ा, अम्मार हैदर, हुसैन हैदर, नय्यर अब्बास, डा फरमान हैदर, फिरोज़ हैदर, सदफ रज़ा, मेहंदी रज़ा,चमन हैदर, फहीम हैदर, गुलाम अब्बास, डा अफसार हैदर, अता अब्बास, मुहम्मद अब्बास, रियाज़ हैदर, जिया अब्बास, मुजाम्मिल हुसैन, दानिश बाकरी,रिजवान हैदर, नसीरूल हसन आदि मौजूद रहे।

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