हुसैनी टाइगर्स के प्रदेश अध्यक्ष सिकन्दर हुसैन के घर पर हुआ मजलिसे अज़ा का एहतमाम।
Hussaini72News/AzadariNews/Majlis
लखीमपुर-खीरी: मंगलवार रात हिदायत नगर इमाम बारगाह में एक मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस की शुरूआत तिलावते क़ुरान-ए-पाक से हुई। तिलावत के बाद मुकामी शायरो ने अपने अपने कलाम पेश किये। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ से तशरीफ़ लाए मशहूर शायर जनाब हसन फराज ने भी अपने कलाम पेश किये। मजलिस को खिताब आली जनाब मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी साहब ने किया जो लखनऊ से तशरीफ़ लाए थे। मजलिस में मौलाना ने इमाम हुसैन की जिंदगी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने दुनिया को बता दिया कि 'सुकून की मंजिल' क्या होती है।
सुकून की मंजिल वो है- जैसे हज़रत अली अ०स० ने अपने सोते हुए कातिल को मस्जिद मे उठा कर बताया, जैसे इमाम हुसैन ने यजीद की बैअत को ठुकरा कर बताया। इसे कहते है सुकून की मंजिल जिसमे कोई शक की गुंजाइश ना हो और जिस तरीके से इमाम हुसैन की शहादत के बाद भी ज़ुल्म नही रुका, परिवार वालो को कर्बला मे कैदी बनाया गया, इमाम हुसैन के बेटे इमामे सज्जाद के हाथो को पीछे गर्दन मे बाधा गया फिर उनके ऊपर जलते हुए अंगारे डाले गये, कोड़े मारे गये मगर जुल्म के सामने ना हुसैन झुके ना उनका परिवार। इसे कहते है सुकून की मंजिल।आखिर मे मकामी अंजुमनों ने नौहे पढ़े और सीनाज़नी करी। मजलिस के बाद नजरें मौला का भी एहतमाम हुआ।