Azadari News: ग़मगीन माहौल में निकाला गया चुप ताज़िए का जुलूस। इस जुलूस के साथ ही खत्म हुआ मुहर्रम का शोक।

Azadari News:  ग़मगीन माहौल में निकाला गया चुप ताज़िए का जुलूस। इस जुलूस के साथ ही खत्म हुआ मुहर्रम का शोक।


Hussaini72News/AzadariNews/SaidNagli

September 24, 2023


सैद नगली, अमरोहा:  माहे मोहर्रम का चांद नमुदार होने के साथ शुरु हुआ अजा़दारी का सिलसिला दो माह और आठ दिनों के बाद रविवार 24 सितम्बर को चुप ताज़िए के जुलूस के साथ ही खत्म हो गया। चुप ताज़िए को मुहर्रम के खत्म होने का ऐलान माना जाता है। 

सैद नगली के मौहल्ला सादात मे चुप ताज़िए का जुलूस अकीदत और एहतराम के साथ गमगीन माहौल में निकाला गया। चुपताज़िए पर नबी-ए-करीम को उनके नवासे हज़रत इमाम हुसैन वह उनके साथियों का पुरसा दिया गया। जुलूस से पहले इमाम बारगाह दादे वाले में एक मजलिस बरपा कि गई जिसमें सोज़ख्वानी नईमुल हसन व तक़रीर सफी मुक्तदा ने की। 

मजलिस में करबला में इमाम हुसैन की अज़ीम कुर्बानी का ब्यान किया गया और बादे कर्बला जो इमाम हुसैन के परिवार पर यज़ीद ने जो जुल्म ढाये उसका ब्यान किया गया। इस दिन हज़रत इमाम हुसैन की बहन जनाबे ज़ैनब और उनके बेटे हज़रत ज़ैनुल आबेदीन अपने परिवार के साथ मदीने पहुंचे और रसूले खुदा की कब्र पर पहुंचकर कर्बला में हुए जुल्मों को बयान किया। किस तरह रसूल के घराने की औरतों को बेपर्दा किया गया। किस तरह उन्हें भूखा-प्यासा रखा गया उसका ब्यान किया। जिसे सुनकर अज़ादारो की आंखों नम हो गईं। 

मजलिस के बाद चुपताज़िये का जुलूस बरामद हुआ जिसमें शबीहे ताबूत, शबीये ज़ुलजुनाह, ऊंटो पर अमारी और अलम मुबारक मौजूद रहे। जूलूस मे डा अहमद मुर्तजा़ ने भी तक़रीर की जिसमें उन्होंने चुपताज़िए की शुरूआत के बारे बताया और इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र किया।जूलूस तयशुदा रास्तों से होता हुआ अपने निश्चित मुकाम पर खत्म हुआ। 

जुलूस में सवारी नसीमुल हसन, अहमद रज़ा, अरीब हैदर, सफदर हुसैन आदि ने पढ़ी। अलविदाई नौहा मुहम्मद अब्बास ने पढ़ा। इस जुलूस के साथ ही शिया समुदाय से मुहर्रम का गम और शोक समाप्त हो गया। जुलूस में कसीर तादाद में अजा़दारो ने शिरकत की।

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