Breaking News: विदेशों को निर्यात होने वाली कफ सीरप के नमूनो में पायी गई बड़ी गड़बड़ी।
- 54 कफ सीरप दवा निर्माता कम्पनियों के 6% कफ सीरप के नमूने अनिवार्य गुणवत्ता परीक्षण में हुए फेल।
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नई दिल्ली: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अक्टूबर तक 54 भारतीय दवा निर्माता कम्पनियों के कम से कम 6% कफ सीरप के नमूने निर्यात के लिए अनिवार्य गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की रिपोर्ट ने देशभर के विभिन्न राज्यों में नमूनों के परीक्षण पर आधारित डेटा को एकत्र करके अपनी रिपोर्ट जारी की है।गौरतलब है कि कई देशों में भारतीय कफ सीरप के कथित दुष्प्रभावों की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) ने भी भारत सरकार को एडवाइजरी जारी की थी। इसके बाद सरकार ने कफ सीरप निर्यातकों के लिए विदेश भेजने के पहले उनकी दवा का सरकारी लैब में टेस्ट अनिवार्य कर दिया था। अब सरकारी परीक्षण में सामने आया है कि 54 भारतीय दवा निर्माताओं के 6% कफ सीरप मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ जैसे सरकारी प्रयोगशालाओं (लैब) में परीक्षण किए। सैंपल टेस्टिंग के लिए नामित सरकारी प्रयोगशालाओं में:- भारतीय फार्माकोपिया आयोग, गाजियाबाद (यूपी);
- केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL), कोलकाता;
- केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (CDTL), चेन्नई;
- क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (RDTL), चंडीगढ़; RDTL, गुवाहाटी;
- और भी कई एनएबीएल-मान्यता प्राप्त राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाए शामिल थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात लैब में परीक्षण किए गए 385 नमूनों में से 51 एनएसक्यू (NSQ) थे, जबकि गाजियाबाद लैब में टेस्ट हुए 502 सैंपल में से 29 गुणवत्ता परीक्षण (Quality Test) में विफल रहे।
गौरतलब है कि इस साल जनवरी में उज़्बेकिस्तान में सात बच्चों की मौत को भारत में बनी दो दवाओं से जोड़ा गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 11 जनवरी को इन दोनों दवाओं को मौतों से जोड़कर उत्पाद चेतावनी जारी किया था। अलर्ट में कहा गया था कि दोनों कफ सीरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) अस्वीकार्य स्तर पर पाए गए। इसके बाद ही भारत सरकार ने विदेशों को निर्यात होने वाली कफ सीरप निर्माताओं के लिए अनिवार्य गुणवत्ता परीक्षण पास करना अनिवार्य कर दिया था।